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Vishnu Puja Vidhi : भगवान विष्णु की पूजा का सरल पारंपरिक रीति

Vishnu Puja Vidhi : भगवान विष्णु की पूजा का सरल पारंपरिक रीति


भगवान विष्णु को हिन्दू धर्म में पालनकर्ता और सृष्टि के संरक्षक के रूप में पूजा जाता है। बिहार में भगवान विष्णु की पूजा विशेष रीति-रिवाजों और परंपराओं के साथ की जाती है। इस ब्लॉग में हम बिहार की पारंपरिक पूजा विधि और संबंधित मंत्रों के बारे में जानेंगे।

1. शुद्धिकरण (Purification)
पूजा स्थल को साफ करें और स्वयं स्नान करें। अगर गंगा जल उपलब्ध हो, तो उसका उपयोग करें ताकि शुद्धिकरण की प्रक्रिया संपूर्ण हो सके।

2. सामग्री की तैयारी (Preparation of Puja Items)
पूजा सामग्री में निम्नलिखित वस्तुएं शामिल करें:

  • फूल (विशेषकर गेंदे के फूल)
  • अगरबत्ती
  • दिया (दीपक)
  • जल (पानी)
  • घंटी
  • प्रसाद (फल, मिठाई जैसे पेड़ा या लड्डू)
  • पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और चीनी का मिश्रण)

3. संकल्प (Sankalpa)
शुद्ध मन और भक्ति के साथ पूजा करने का संकल्प लें:

ममोपात्त समस्त दुरितक्षयद्वारा श्रीपरमेश्वर प्रीत्यर्थं श्रीविष्णुप्रीत्यर्थं पूजा करिष्ये।

4. आवाहन (Invocation)
मंत्रों का उच्चारण करके और फूल चढ़ाकर भगवान विष्णु को पूजा स्वीकार करने के लिए आमंत्रित करें। विशेष रूप से तुलसी के पत्ते चढ़ाएं:

ॐ श्री विष्णवे नमः।

5. जल अर्पण (Offering Water)
भगवान विष्णु के चरणों, हाथों और मुख को जल अर्पित करें (पाद्य, अर्घ्य और आचमन)।

ॐ केशवाय स्वाहा। ॐ नारायणाय स्वाहा। ॐ माधवाय स्वाहा।

6. अभिषेक (Abhishekam)
मूर्ति को जल, दूध, दही, शहद, घी और चीनी से स्नान कराएं, फिर पुनः जल से शुद्ध करें।

ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा। यः स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यंतरः शुचिः।।

7. वस्त्र और अलंकरण (Clothing and Adornment)
मूर्ति को नए वस्त्र पहनाएं और फूलों से सजाएं, विशेषकर गेंदे और तुलसी की माला।

8. भोग अर्पण (Offering Bhog)
फल, मिठाई, पंचामृत और अन्य सामग्री जैसे नारियल, पान और सुपारी अर्पित करें।

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।

9. आरती (Aarti)
दिया जलाएं और आरती करें। आरती गीत गाएं और विष्णु मंत्रों का उच्चारण करें:

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे।
भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे।।

10. प्रदक्षिणा और नमस्कार (Pradakshina and Namaskara)
मूर्ति की परिक्रमा करें (प्रदक्षिणा) और नमस्कार करें।

11. मंत्रोच्चार (Mantra Chanting)
विष्णु मंत्रों का जाप करें, जैसे विष्णु सहस्रनाम या:

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।

12. समापन प्रार्थना (Concluding Prayer)
सभी के शांति, समृद्धि और कल्याण के लिए प्रार्थना करें।

सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु, मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत्।।

13. प्रसाद वितरण (Distribution of Prasad)
पूजा में भाग लेने वालों को प्रसाद वितरित करें और सभी को आशीर्वाद में शामिल करें।

भगवान विष्णु की पूजा करते समय इन पारंपरिक विधियों और मंत्रों का पालन करने से पूजा की शुद्धता और पवित्रता बनी रहती है, और भक्तों को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।