भगवान शिव की पूजा की सबसे सरल विधि
सनातन धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन देवों के देव महादेव की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही सोमवार का व्रत भी रखा जाता है। धार्मिक मान्यता अनुसार सोमवार का व्रत करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस व्रत को स्त्री और पुरुष दोनों रख सकते हैं। विवाहित महिला इस व्रत को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए करती है और अविवहित शीघ्र शादी व अच्छे वर की मनोकामना हेतु करती है।
शिव पूजा विधि | Shiv Puja Vidhi
सोमवार के दिन ब्रह्ममुहुर्त में उठें और भगवान शिव को प्रणाम कर अपने नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इसके पश्चात पूजा गृह में एक चौकी पर वस्त्र बिछाकर शिव परिवार की प्रतिमा या चित्र रखें। पूजा के बर्तन में शिवलिंग को स्थापित करें। फिर गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें। इसके बाद दूध से महादेव का अभिषेक करें व अंत में सामान्य जल में काले तिल, बेलपत्र, शहद और सुगंध मिलाकर अभिषेक करें।
इसके बाद 11 या 21 बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित करें। शिवलिंग पर चंदन से 'ॐ नमः शिवाय' अवश्य लिखे। इसके पश्चात, पंचोपचार कर भगवान शिव को भांग, धतूरा, सफेद रंग के फूल, फल, दूध, दही, श्रीखंड, घी और खीर अर्पित करें। इस समय शिव चालीसा और शिव तांडव का पाठ करें। अंत में शिव आरती कर सुख, समृद्धि, और शांति की कामना करें।