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दशहरा पर राम चालीसा का विशेष महत्व

दशहरा पर राम चालीसा का विशेष महत्व

दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, जो भगवान श्रीराम द्वारा रावण के वध के रूप में मनाया जाता है। 

इस पवित्र अवसर पर राम चालीसा का पाठ अत्यधिक शुभ माना जाता है, क्योंकि यह भगवान राम की महिमा और उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का गुणगान करता है।

राम चालीसा का पाठ दशहरा के दिन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से लाभकारी होता है, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का भी संचार करता है। 

दशहरा के इस विशेष पर्व पर जब हम भगवान राम की पूजा करते हैं, तो उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए हमें अपने जीवन में भी धर्म, सत्य और कर्तव्य का पालन करने की प्रेरणा मिलती है।

राम चालीसा का पाठ

वैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव संभाषणं

बाली निर्दलं समुद्र तरणं लङ्कापुरी दाहनम्

पश्चद्रावनं कुम्भकर्णं हननं एतद्धि रामायणं

 

श्री रघुबीर भक्त हितकारी ।

सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी ॥

 

निशि दिन ध्यान धरै जो कोई ।

ता सम भक्त और नहिं होई ॥

 

ध्यान धरे शिवजी मन माहीं ।

ब्रह्मा इन्द्र पार नहिं पाहीं ॥

 

जय जय जय रघुनाथ कृपाला ।

सदा करो सन्तन प्रतिपाला ॥

 

दूत तुम्हार वीर हनुमाना ।

जासु प्रभाव तिहूँ पुर जाना ॥

 

तुव भुजदण्ड प्रचण्ड कृपाला ।

रावण मारि सुरन प्रतिपाला ॥

 

तुम अनाथ के नाथ गोसाईं ।

दीनन के हो सदा सहाई ॥

 

ब्रह्मादिक तव पार न पावैं ।

सदा ईश तुम्हरो यश गावैं ॥

 

चारिउ वेद भरत हैं साखी ।

तुम भक्तन की लज्जा राखी ॥

 

गुण गावत शारद मन माहीं ।

सुरपति ताको पार न पाहीं ॥

 

नाम तुम्हार लेत जो कोई ।

ता सम धन्य और नहिं होई ॥

 

राम नाम है अपरम्पारा ।

चारिहु वेदन जाहि पुकारा ॥

 

गणपति नाम तुम्हारो लीन्हों ।

तिनको प्रथम पूज्य तुम कीन्हों ॥

 

शेष रटत नित नाम तुम्हारा ।

महि को भार शीश पर धारा ॥

 

फूल समान रहत सो भारा ।

पावत कोउ न तुम्हरो पारा ॥

 

भरत नाम तुम्हरो उर धारो ।

तासों कबहुँ न रण में हारो ॥

 

नाम शत्रुहन हृदय प्रकाशा ।

सुमिरत होत शत्रु कर नाशा ॥

 

लषन तुम्हारे आज्ञाकारी ।

सदा करत सन्तन रखवारी ॥

 

ताते रण जीते नहिं कोई ।

युद्ध जुरे यमहूँ किन होई ॥

 

महा लक्ष्मी धर अवतारा ।

सब विधि करत पाप को छारा ॥

दशहरा पर राम चालीसा का महत्व

दशहरा के अवसर पर राम चालीसा का पाठ हमारे जीवन में भगवान राम के आदर्शों को स्थापित करता है। 

यह हमें आत्मशुद्धि, कर्तव्य परायणता, और सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा देता है। जब हम राम चालीसा का पाठ करते हैं, तो भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त कर अपने जीवन में सभी बाधाओं से पार पा सकते हैं।

इस दशहरा, भगवान राम के आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-समृद्धि और शांति से भरें। 

राम चालीसा का पाठ न केवल हमें अध्यात्मिक रूप से समृद्ध करता है, बल्कि हमारे घर और परिवार में भी सुख और शांति का वास करता है।

निष्कर्ष

राम चालीसा का पाठ दशहरा के दिन विशेष महत्व रखता है। 

यह हमें भगवान राम के जीवन और उनके सिद्धांतों का स्मरण कराता है, जो हमें बुराई पर विजय प्राप्त करने की प्रेरणा देते हैं। 

इस पवित्र अवसर पर राम चालीसा का पाठ करके भगवान राम की कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन को सकारात्मकता और शांति से भरें।